Thursday, November 8, 2018

हम पीना चाहते है.. उनकी निगाहों से, हम जीना चाहते हैं.. उनकी पनाहों में, हम चलना चाहते हैं.. उनकी राहों में, हम मरना चाहते हैं.. उनकी बाहों में

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मंदिर की घंटी , आरती की थाली नदी के किनारे सूरज की लाली जिंदगी में आए खुशियों की बहार आपको मुबारक हो छठ का त्यौहार −−−−−−−−−−−−−−−...