Friday, October 19, 2018

जब ऐतबार 😔 ही किसी 🌎 से उठ जाए तो फिर कोई क़सम 🙅 खाए या 🏺 ज़हर, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता..

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मंदिर की घंटी , आरती की थाली नदी के किनारे सूरज की लाली जिंदगी में आए खुशियों की बहार आपको मुबारक हो छठ का त्यौहार −−−−−−−−−−−−−−−...